गुरुवार, 21 मई 2009

नारी के सच्चे आभूषण

हर नारी को पढ़ा लिखा होना जरुरी है । कोई नारी सोने चांदी के आभूषण पहन कर समाज में सम्मान प्राप्त करने योग्य नही होती है । नारी महान होती है अपने आचरण, मीठी बोली, लज्जा, कुशल गृहिणी तथा व्यावहारिक गुणों से। नारी के लिए लज्जा सबसे बड़ा आभूषण है। कोई भी नारी बिन लज्जा के नारी नही मानी जाती है। दूसरा गुन नारी के अन्दर मीठी बोली होना चाहिए। क्योकि नारी कितनी भी सुंदर हो मगर वह कड़वे शब्दों का प्रयोग करती है तो नारी अच्छी नही लगती है। उससे कोई बोलना प्रसंद नही करता है। अगर नारी मीठी बोली और लज्जा के साथ साथ उसका आचरण सही हो तभी वह नारी नारी कहलाने के लायक है। नारी का व्यवहार और कुशल गृहिणी होना भी नारी का सबसे बड़ा गुण माना जाता है। एक कुशल नारी के लिए घर के सारे कार्यो में कुशल होना चाहिए। जैसे - सिलाई, बुनाई, अच्छा खाना बनाने आदि कार्यो में निपुण होना चाहिए।
नही मोहताज जेवर कि, जिसे ये खूबी खुदा ने दी,

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