समय की कद्र करो मेरे भइया समय बड़ा बलवान
समय का गुन गा गए ऋषि मुनि विद्धवान
समय जो आया फ़िर ना लौटेगा इसे ये जान
धुप छाव का आना-जाना समय की है पहचान
उठती है घनघोर घटाए बरसे रिमछिम पानी
गर्मी सर्दी धुप छाव है बचपन और जवानी
समय जो गया फ़िर न आएगा इसको ले तू जान
समय का कद्र करो मेरे भइया समय बड़ा बलवान
समय भले हो अगर तुम्हारे तुम मत इतना इतराओ
समय का चक्कर क्या है यारो इससे मत चक्कराव
समय पड़ा जब राम के ऊपर गए वन को भगवान
समय पड़ा जब राणा पर घास की रोटी खायी
समय से लड़ के यारो जंग से लक्ष्मी बाई
समय के आगे टिका न कोई राजा और सुलतान
समय की कद्र करो मेरे भइया, समय बड़ा बलवान